रायगढ़। जिले में राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बड़ी सफलता प्राप्त की गई है। इस कार्यक्रम का संचालन कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के दिशा-निर्देशन में डॉ. बी.के. चन्द्रवंशी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. मीना पटेल, जिला नोडल अधिकारी, और सुश्री रंजना पैकरा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अंधत्व और दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्तियों का चिन्हांकन कर उनका निःशुल्क उपचार किया जा रहा है।
कार्यक्रम के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नेत्र सहायक अधिकारी के द्वारा मोतियाबिंद के मरीजों का सर्वे किया जाता है। जिन मरीजों को ऑपरेशन की आवश्यकता होती है, उन्हें जिला चिकित्सालय रायगढ़ लाकर निःशुल्क ऑपरेशन किया जाता है। इसके साथ ही स्कूल हेल्थ के तहत जिले के सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों का नेत्र परीक्षण किया जाता है और दृष्टि दोष वाले विद्यार्थियों को आवश्यकतानुसार निःशुल्क चश्मे उपलब्ध कराए जाते हैं। सत्र 2024-25 में मोतियाबिंद से ग्रसित मरीजों का सफल ऑपरेशन किया गया। विशेष रूप से जिले के दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों जैसे धरमजयगढ़, रायमेर और गेजामुड़ा में कई मरीजों की पहचान की गई और उनका सफल ऑपरेशन किया गया। जैसे कि रायमेर निवासी 70 वर्षीय मुकीत राम और धरमजयगढ़ निवासी 62 वर्षीय श्री गुरबारो के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया।
अब तक जिले में कुल 4580 मोतियाबिंद मरीजों का सर्वे किया गया, जिसमें से 3195 मरीजों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है। इनमें से 1486 मरीजों का ऑपरेशन जिला चिकित्सालय रायगढ़ के नेत्र रोग विशेषज्ञों द्वारा किया गया, जबकि 1709 मरीजों का ऑपरेशन निजी चिकित्सालयों और मेडिकल कॉलेज में हुआ। इसके अलावा, अगस्त-सितम्बर में नेत्रदान पखवाड़ा और अक्टूबर में विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। वर्तमान में 16 से 21 दिसम्बर तक बाल नेत्र सुरक्षा कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। विद्यालयों में भी इस कार्यक्रम का असर दिखा है, जहां 628 विद्यालयों के 36025 विद्यार्थियों का नेत्र परीक्षण किया गया। 1379 विद्यार्थियों में दृष्टि दोष पाया गया और उन्हें शीघ्र चश्मा उपलब्ध कराया जाएगा। राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के सफलता में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और मितानिनों का सक्रिय योगदान रहा है, जो इस कार्यक्रम को प्रभावी बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।