अपनी उदारता,काम और सोच से साबित की जनसेवक की परिभाषा
रायगढ़। ब्यूरोक्रेसी में कुछ ही कलेक्टर ऐसे होते हैं जो अपनी पहचान किसी ओहदे या पद से ज्यादा अपने कार्यशैली के बूते बनाते हैं और जनमानस के बीच अपनी अमिट छाप छोड़ने में कामयाब होते हैं। कलेक्टर कार्तिकेय गोयल भी ऐसे ही अधिकारी हैं जिन्होने अपने काम,सोच और खुशमिजाज व्यवहार से यह साबित किया है कि आईएएस अधिकारी केवल कुर्सी पर बैठकर फैसले लेने वाले नहीं होते बल्कि वे जनता के सेवक होते हैं।
2010 बैच के आईएएस कार्तिकेय गोयल ने करीब डेढ़ साल पहले जब रायगढ़ के जिलाधिकारी की कमान संभाली थी तब विधानसभा चुनाव की तिथि घोषित हो चुकी थी। जिले में पूर्व मे प्रशिक्षु आईएएस रह चुके आईएएस कार्तिकेय गोयल ने पदस्थापना के तत्काल बाद प्रेस वार्ता कर समय के पाबंद होने और काम के प्रति समर्पण की अपने कामकाज की शैली जाहिर कर दी थी। इन दो वर्षों में कलेक्टर गोयल,केवल आदेश देकर संगठित प्रशासनिक प्रयासों से सामाजिक बदलाव तक सीमित नहीं रहे,बल्कि स्वयं जमीन पर उतरकर व्यक्तिगत भागीदारी भी निभाई। स्कूल से लेकर अस्पताल,गांव,कस्बे,जंगल-पहाड़, मंडी,चौपाल आदि हर जगह पर कलेक्टर श्री गोयल की मौजूदगी ने यह साबित किया कि वे सिस्टम को केवल चलाते नहीं बल्कि इसे जीते हैं। रायगढ़ से विदा होने के पहले कलेक्टर गोयल ने जिले के विकास के लिए इतने कार्यों को धरातल पर उतारने में सफलता हासिल की है कि उन कार्यों के पूर्ण होने के बाद ये निर्माण कार्तिकेय गोयल की स्मृति के तौर पर जेहन में ताजा रहेंगे।
जनता और प्रशासन के बीच की दूरी घटी
सहज और मासूम छवि के कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने जनदर्शन से लेकर शिविर और अन्य प्रयोगों से प्रशासन और जनता के बीच की दूरी कम करते हुए संवाद को मजबूत किया।इसका परिणाम यह रहा कि फरियादियों की संख्या डीएम दरबार में बढ़ने लगी। जिला प्रशासन के आंकड़े ये बताते हैं कि आईएएस कार्तिकेय गोयल के कार्यकाल में सर्वाधिक जन शिकायतों और समस्याओं का निराकरण हुआ है वहीं भ्रष्टाचार और घोटालों से लेकर तकरीबन हर नियम विरुद्ध काम के खिलाफ जिलाधिकारी रहते हुए श्री गोयल ने कड़े निर्णय लेने में कोई समझौता नहीं किया।कलेक्टर कार्तिकेय गोयल एक तरफ जहां सरकार और जनता के बीच सुशासन की मजबूत कड़ी बने रहे तो दूसरी तरफ शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में सरकार का दमदार चेहरा भी बनकर उभरे।नगर विधायक व वित्त मंत्री ने अपने गृह जिले के लिए जो ताबड़तोड़ करोड़ों की सौगातों की झड़ी लगाई उसके जमीन पर क्रियान्वयन करने की जिम्मेदारी कलेक्टर श्री गोयल ने भी उतनी ही शीघ्रता और गंभीरता से निभाई और मंत्री का भी विश्वास जीता। गौरतलब है कि शांति पूर्ण चुनाव कराने मे महारत हासिल वाले युवा कलेक्टर गोयल अपने कार्यकाल के दौरान अमूमन एक दो आदर्श बूथ की जगह जिले भर के पोलिंग बूथ को आदर्श मतदान केंद्र बनाने मे कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी,जो सबसे आश्चर्यजनक खासियत रही।प्रदेश की आईएएस लॉबी मे सबसे सम्पन्न और ब्यूरोक्रेट परिवार से तालुक रखने के बावजूद हैंडसम कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने जिस सादगी से रायगढ़ की जनता के बीच आत्मीय विश्वास कायम किया वह बरबस ही अपनत्व की डोर से बंधता चला गया।आज जब आईएएस कार्तिकेय गोयल रायगढ़ से दूसरी बार विदा ले रहे हैं तो जिले की जनता का भावुक होना उनके और रायगढ़ वासियों के बीच बना रिश्ता श्री गोयल के स्वस्थ जीवन और उज्जवल भविष्य की शुभकामना के साथ सजल नेत्रों से यह भी कहता जान पड़ता है कि रायगढ़ आपको कभी भूल नहीं पायेगा।