Home Chhattisgarh बड़माल बेरियर पर अवैध वसूली करने वाले चाचा भतीजा को किसका सरंक्षण ?

बड़माल बेरियर पर अवैध वसूली करने वाले चाचा भतीजा को किसका सरंक्षण ?

by Niraj Tiwari

प्रत्येक भारी वाहनों से जबरन सील लगाकर वसूल रहे 10-20 रुपए

फल सब्जी लेकर जाने वाले वाहनों से भी 200-300 की अवैध वसूली 

रायगढ़। रायगढ़ जिले का उड़ीसा बॉर्डर बड़माल चेक पोस्ट और बैरियर में इन दोनों अवैध वसूली जोरों पर है। उक्त बैरियर पर ड्यूटी करने वाले कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध के दायरे में है। हालांकि आए दिन कलेक्टर एसपी और अन्य अधिकारी दौरे पर जा रहे हैं। लेकिन उनकी भी आंख में धूल झोंक कर अवैध वसूली का काम जोरो से चल रहा है। जिससे राहगीरों को काफी परेशानी हो रही है। इस अवैध वसूली से कोयला, आयरन कोर, पत्थर, चूना, मिट्टी,अनाज के साथ साथ सब्जी, कपड़ा, फल लेकर चलने वाले चारपहिया वाहन भी नहीं बच रहे हैं।

आदर्श आचार संहिता लगने के बाद से जहां जिला पुलिस और प्रशासन के कुछ अधिकारी कर्मचारी की जवाबदारी बढ़ गई है वहीं कुछ थाना पुलिस और कुछ विभाग के अधिकारियों को पैसे कमाने का अवसर मिल गया। करीब तीन दिन पहले अवैध शराब परिवहन करते सिल्वर रंग की इनोवा गाड़ी पकड़ कर सुबह से शाम तक थाना के सामने रखा गया और देर शाम बिना कार्रवाई किए छोड़ दिया गया । बेरियर पर कोयला परिवहन करने वाले वाहन चालकों से 10-20 रुपए की अवैध वसूली खनिज विभाग के अधिकारियों की जानकारी में की जा रही है। इस तरह कुछ  लोगों के कारण सभी को शर्मिंदा होना पड़ रहा है। बड़माल बैरियर पर चाचा नरोत्तम प्रधान और भतीजा सत्यम गुप्ता खनिज अधिकारियों के खास बनकर अवैध वसूली में डटे हुए हैं। कुछ दिनों पूर्व पूरे खनिज विभाग की टीम में बदलाव कर दिया गया था लेकिन नगर सैनिक होने के कारण यह चाचा भतीजा यथावत हैं। इन पर कार्यवाही करने में खनिज विभाग और पुलिस विभाग असमर्थ है। सालों से बैरियर पर ड्यूटी करने के नाम पर अवैध तरीके से उगाही का काम चाचा भतीजे के द्वारा किया जा रहा है इन चाचा भतीजे का मनोबल इतना बढ़ गया है कि निर्वाचन के कारण बैरियर पर पदस्थ एसएसटी और एफएसटी के अधिकारियों की उपस्थिति से भी यह अवैध वसूली रुकने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को अवैध पैसा वसूलने वाले सुपरवाइजर श्री यादव से पैसा लेकर सील लगाने के विषय में पूछने पर उन्होंने नरोत्तम प्रधान और सत्यम गुप्ता से चर्चा करने की बात कही। जब उनसे आगे कुछ पूछने का प्रयास किया गया तब वह अपने खनिज जांच चौकी के कमरे में जाकर सो गए। इसके बाद यह अवैध वसूली का काम कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया।

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