Home Sarangarh-Bilaigarh शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया सम्पन्न, पत्रकार वार्ता कर कलेक्टर ने दी जानकारी

शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया सम्पन्न, पत्रकार वार्ता कर कलेक्टर ने दी जानकारी

by Niraj Tiwari

सारंगढ़। राज्य सरकार की मंशानुरूप सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया जिला कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे के मार्गदर्शन में पारदर्शिता, निष्पक्षता और समयबद्ध तरीके से शांतिपूर्ण ढंग से पूरी की गई। इस संबंध में आयोजित प्रेस वार्ता में कलेक्टर डॉ. कन्नौजे ने बताया कि जिले के सभी विकासखण्डों में स्कूलों की वास्तविक आवश्यकता के अनुसार शिक्षकों का पदस्थापन किया गया है ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

कलेक्टर डॉ. कन्नौजे ने बताया कि कुछ स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक होते हुए भी शिक्षक नहीं थे, जबकि कुछ स्कूलों में छात्रों की संख्या कम और शिक्षक अधिक थे। उदाहरणस्वरूप विकासखण्ड बिलाईगढ़ के प्रा.शा. खपरीडीह में 137 विद्यार्थी थे लेकिन केवल 1 शिक्षक पदस्थ थे। वहीं, प्रा.शा. सलोनीकला में 49 बच्चों पर 7 शिक्षक पदस्थ थे। युक्तियुक्तकरण के बाद खपरीडीह में 6 और सलोनीकला में 3 शिक्षक समायोजित किए गए हैं। इसी प्रकार, प्रा.शा. राजापारा में 2 बच्चों पर 6 शिक्षक पदस्थ थे जबकि हाईस्कूल कोसीर में 175 बच्चों पर केवल 1 शिक्षक था। प्रक्रिया के अंतर्गत कोसीर को 2 व्याख्याता प्रदान किए गए और राजापारा को मर्ज कर शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में भेजा गया।बरमकेला विकासखण्ड के सात विद्यालय खैरट, ह‌ट्टापाली, राजपुर, बीजामाल, कटंगपाली, गौरडीह और डूमरपाली में बीते तीन वर्षों से कोई शिक्षक नहीं थे। वहीं, प्रा.शा. बांजीपाली में 2 विद्यार्थियों पर 3 शिक्षक पदस्थ थे। अब इन शिक्षक विहीन विद्यालयों में दो-दो शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के नोडल अधिकारी एवं जिला पंचायत सीईओ इंद्रजीत बर्मन ने बताया कि पूरी प्रक्रिया को राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पारदर्शी तरीके से वीडियोग्राफी के माध्यम से संपन्न किया गया। इससे शैक्षणिक गुणवत्ता में ठोस सुधार लाया जा सकेगा। जिला शिक्षा अधिकारी एल.पी. पटेल ने जानकारी दी कि प्राथमिक स्कूलों के 394 शिक्षकों को सुदूर, एकल शिक्षकीय और विशेष आवश्यकता वाले विद्यालयों में पदांकित किया गया है। साथ ही 69 व्याख्याताओं, 61 मिडिल स्कूल शिक्षकों, 12 प्रधान पाठकों एवं 2 ट्रायबल शिक्षकों का भी पदस्थापन किया गया है। उन्होंने सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपने पदांकित स्कूलों में तत्काल कार्यभार ग्रहण करें और बच्चों के बहुआयामी विकास के लिए समर्पित भाव से कार्य करें। युक्तियुक्तकरण का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की तैनाती को संतुलित करना और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है।

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