Home Raigarh मनोज श्रीवास्तव का कबीरधाम में सम्मान, भोरमदेव महोत्सव हेतु विभिन्न रूपांकन कार्य

मनोज श्रीवास्तव का कबीरधाम में सम्मान, भोरमदेव महोत्सव हेतु विभिन्न रूपांकन कार्य

by Niraj Tiwari

रायगढ़। विगत 19-20 मार्च 2023 को दो दीवसीय 27वां भोरमदेव महोत्सव का आयोजन कबीरधाम (कवर्धा), छत्तीसगढ़ के भोरमदेव( ग्राम- चौरा ) में आयोजित किया गया। कलेक्टर जन्मेजय महोबे, कबीरधाम के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में जिला प्रशासन के महीनों की तैयारी पश्चात एवं भोरमदेव सनातन तीर्थ ट्रस्ट कबीरधाम के साथ आयोजित इस महोत्सव में स्कूल कालेजों के छात्र छात्राओं सहित देश विदेश के विख्यात कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं, जिसे प्रतिदिन डेढ़ दो लाख दर्शकों ने देखा और आनंद के साथ ही देश के संस्कृति को जाना। ज्ञातव्य है कि, आयोजन बड़े और खुले मंच पर के साथ, सामने तीनों ओर दर्शक दीर्घा के बाद भी बड़ा खुला क्षेत्र है, जिसमें मेला भरता है, जो शाम को आरंभ हूए कार्यक्रम के साथ भोर तक चलता है।

रायगढ़ के राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध आर्टिस्ट, डिजाइनर, कैलिग्राफर,विजुअलाइजर एवं छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के सेवानिवृत्त अधिकारी द्वारा, इस आयोजन हेतु प्रतीक चिन्ह तैयार किया गया।प्रतीक चिन्ह में भगवान शिव जी के डमरू का उपयोग कर रेखांकन किया गया है। डमरू में ही 2 परिलक्षित होता है और इसके साथ बजाने वाली डोर है, जिसमें 7 परिलक्षित होता है, इस प्रकार भगवान शिव जी के इस डमरू में आंकिक रुप से 27 का संयोजन किया गया है। भोरमदेव महोत्सव का यह 27वां आयोजन है, इसलिए यह 27वां भोरमदेव महोत्सव के प्रतीक चिन्ह के रूप में स्वीकार किया गया। प्रतीक चिन्ह के अतिरिक्त आर्टिस्ट मनोज श्रीवास्तव द्वारा भोरमदेव महोत्सव का नवीनतम, आकर्षक और प्रभावशाली अक्षरविन्यास तैयार किया गया जिसकी चर्चा पूरे अंचल में रही। अन्य रुपांकन कार्य, मंच सज्जा एवं प्रिंटिंग विजुअल्स भी तैयार किये गये। इन विभिन्न कार्यों को सफल संपादित करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा मनोज श्रीवास्तव का सम्मान किया गया।

इस दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव का उद्घाटन एवं समापन, मनहरण दुबे, बुढ़ा महादेव मंदिर, कवर्धा, अजय राजपूत, माॅ दंतेश्वरी मंदिर, कवर्धा, तिहारी चंद्रवंशी, माॅ चण्डी मंदिर, कवर्धा, चंद्रकिरण तिवारी, श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर, कवर्धा, परसराम मरकाम, ग्राम कामठी, पण्डरिया, लमतू सिंह बगदरिया, ग्राम भुरसीपकरी, तहसील बोड़ला, अमित दुबे,माॅ महामाया मंदिर, कवर्धा,अजय सिंह ठाकुर,माॅ सिंहवाहिनी मंदिर, कवर्धा, शंकर पाण्डेय,माॅ काली मंदिर, कवर्धा, हरि पाठक,श्री राम मंदिर, बोड़ला, प्रयास पाठक,माॅ महामाया मंदिर, पण्डरिया, नन्दूलाल,चरण तीरथ, बोड़ला, बड्डूलाल सड़िया,ग्राम भैंसाडबरी, पण्डरिया के आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर कलेक्टर जन्मेजय महोबे, पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेंद सिंह, डीएफओ चूड़ामणि सिंह, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, नगर पालिका अध्यक्ष कवर्धा ऋषि शर्मा, विधायक पंडरिया ममता चंद्राकर, क्रेडा सदस्य कन्हैया अग्रवाल, सहायक कलेक्टर मोनिका कौड़े, डिप्टी कलेक्टर कवर्धा संदीप ठाकुर, सीजीएम श्रीमती वंदना, एसडीएम कवर्धा प्रकाश कोरी, एसडीएम बोड़ला संदीप ठाकुर, डिप्टी कलेक्टर आकांक्षा नायक, डिप्टी कलेक्टर लेखा अजगल्ले, एसडीएम पंडरिया दिले राम डहरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनीषा रावटे सहित जिले के तमाम अधिकारी एवं कर्मचारी गण तथा गणमान्य नागरिकों सहित लाखों की संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।

भोरमदेव मंदिर के चारो ओर मैकल पर्वतसमूह है जिनके मध्य हरी भरी घाटी में यह मंदिर है। मंदिर के सामने एक सुंदर तालाब भी है। इस मंदिर की बनावट खजुराहो तथा कोणार्क के मंदिर के समान है जिसके कारण लोग इस मंदिर को ‘छत्तीसगढ का खजुराहो’ भी कहते हैं। यह मंदिर एक एतिहासिक मंदिर है। इस मंदिर को 11वीं शताब्दी में नागवंशी राजा गोपाल देव ने बनवाया था। ऐसा कहा जाता है कि गोड राजाओं के देवता भोरमदेव थे एवं वे भगवान शिव के उपासक थे। भोरमदेव , शिवजी का ही एक नाम है, जिसके कारण इस मंदिर का नाम भोरमदेव पड़ा।

You may also like