Home Chhattisgarh जिले में पहली बार चक्रधर नगर थाना में विराजे गौरी पुत्र गणेश

जिले में पहली बार चक्रधर नगर थाना में विराजे गौरी पुत्र गणेश

by Niraj Tiwari

थाना प्रभारी के अनुसार विघ्नहर्ता गणेश सभी लोगों के विघ्न को हर कर उन्हें सद्बुद्धि प्रदान करें 

रायगढ़।  जिले में पहली बार थाना के भीतर गौरी पुत्र गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई है। जिसे 11 दिन तक विधिवत पूजा अर्चना के साथ रखने के बाद विसर्जित किया जाएगा। ऐसा चक्रधर नगर थाना प्रभारी प्रशांत राव अहेर ने किया है। इससे पहले भी थाना प्रभारी बदलते रहे लेकिन इस तरह की मानसिकता किसी थाना प्रभारी द्वारा नहीं देखी गई। थाना प्रांगण में श्री गणेश की स्थापना के बाद से सभी स्टाफ सुबह नहा धोकर थाना में घुसने के साथ ही पहले पूजा पाठ करते हैं। उसके बाद अपनी दिनचर्या अनुसार काम करते हैं। क्षेत्रीय लोगों द्वारा इसे काफी सराहा जा रहा है। 

         जिले में थाना प्रभारी हर 4 साल में बदलते रहते हैं लेकिन अपनी कार्यशैली से आमजन को प्रभावित करने वाले कुछ एक थाना प्रभारी ही जिले में पदस्थ हुए जिन्हें आज भी लोग याद करते हैं। थाना प्रभारी अपने रुतबे के साथ आमजन पर कार्रवाई और अधिकारियों के निर्देशानुसार धर पकड़ करते हैं। जिले में कुछ ऐसे भी थाना प्रभारी आए जिनकी सोच सामाजिक और अलग प्रवृत्ति की है। चक्रधर नगर थाना में ज्यादातर ऊंची सोच के ही थाना प्रभारी पदस्थ हुए। जिनके कारण आज चक्रधर नगर थाना अपने आप में देव स्थल हो चुका है। पूर्व में पदस्थ थाना प्रभारी निरीक्षक युवराज तिवारी द्वारा थाना परिसर में हनुमान जी का मंदिर निर्माण कराया गया। इसके पश्चात अब नई परिपाटी प्रारंभ की गई है। जिस दौरान एकमात्र चक्रधर नगर थाने में गणेश प्रतिमा पूरे 11 दिन के लिए बैठाई गई है। इससे जहां एक ओर थाना में नेगेटिव एनर्जी को पॉजिटिव एनर्जी में बदलने का काम हो रहा है। वहीं घर परिवार से दूर थाना स्टाफ को काम करने का एक बेहतर माहौल भी मिल रहा है। थाना प्रभारी प्रशांत राव का मानना है कि कई मृतकों का बिसरा थाना में रखा गया है जिससे कई प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा थाना और आसपास में विचरण कर रही है। उन्हें केवल विघ्नहर्ता श्री गणेश जी दूर कर सकते हैं। इस सोच के साथ वह जहां भी रहते हैं उस थाना में प्रतिवर्ष श्री गणेश की प्रतिमा 11 दिन के लिए बैठाई जाती है और विधिवत पूजा पाठ करने के बाद उनका विसर्जन किया जाता है। जिससे उन्हें सही कार्य करने के लिए सचेतना और ऊर्जा मिलती है।

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