परिवार के साथ वनभोज का आनंद लेने पहुंचे जिलेवासी
रायगढ़। आंवला नवमी पर शहर के प्रमुख उद्यानों के अलावा सभी पर्यटन स्थल गुलजार रहे। दरअसल इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा व परिक्रमा के साथ इसके नीचे बैठकर भोज करने की धार्मिक मान्यता है। लोगों की आस्था से जुड़े होने की वजह कई जगहों पर वृक्षों के आसपास की सफाई की गई। इसके अलावा पानी व अन्य जरूरी की व्यवस्थाएं भी की गई थी, ताकि पूजन के दौरान किसी तरह अव्यवस्था व असुविधा न हो।
पूजा पाठ के साथ लोग बच्चों के साथ जमकर मौज मस्ती भी करते हुए पर्यटन स्थलों का लुत्फ उठाते नजर आए। जिन पर्यटन स्थलों में आंवले के वृक्ष है या कहें की जहां लोगों की भीड़ रहती है। वहां महिलाएं अपने परिवार के साथ पहुंचकर आंवला पेड़ की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना करते देखीं गईं। आंवला नवमी से पिकनिक की भी शुरुआत हो जाती है और लोग अपने परिवार के साथ प्रकृति की गोद में सुकून के दो पल बिताने के लिए पिकनिक स्थलों पर पहुंचते हैं और वन भोज का आनंद लेते हैं।
बात चाहे रोज गार्डन की हो या फिर भूपदेवपुर स्थित रामझरना या फिर बोतल्दा की। बड़ी संख्या में शहरवासी अपने परिजनों के साथ उक्त पिकनिक स्पॉट पर पहुंच कर परंपरागत तरीके से पहले आंवला पेड़ की पूजा अर्चना की। वहीं पूरे परिवार की सुख, समृद्धि व शांति को लेकर मनोकामना की। इसके बाद वन भोज का दौर शुरु हुआ। हर 15-20 कदम पर एक परिवार अपनों के साथ वनभोज की तैयारी में लगा हुआ था। एक तरफ जहां घर की महिलाएं लजीज व्यजंन बनाने में व्यस्त दिखीं तो घर के पुरुष सदस्य, बच्चों के साथ बैडमिंटन, किक्रेट, लूडो व अन्य खेलों के साथ आनंद का लुत्फ उठा रहे थे।
शहर के पिकनिक स्पॉट की बात करें तो लोग प्राय इंदिरा विहार व रोज गार्डन की ओर रुख करते हैं लेकिन आंवला नवमीं को लेकर वन विभाग द्वारा कोई खास तैयारी नहीं की गई थी। पिकनिक स्पॉट की साफ सफाई के अलावा रंग रोगन भी नहीं किया गया था। जिससे शहरवासी को खुद सफाई कर वन भोज का आनंद उठाना पड़ा। आंवला नवमी पर वन भोज के बीच सेल्फी का भी खूब क्रेज रहा।
शहरवासी एक दूसरे के साथ होकर सेल्फी लेते हुए नजर आए। इस बीच उनके परिधान व सेल्फी का अंदाज काफी लुभावना रहा। जिसमें हर वर्ग के लोग शामिल थे। कुछ देर बाद वन भोज के दौरान ली गई सेल्फी सोशल मीडिया के सशक्त माध्यम वाट्सअप और फेसबुक पर भी देखने को मिला।