Home Chhattisgarh चुनाव आयोग के निर्देशानुसार बैनर पोस्टर निकालने का काम नहीं रहा सफल

चुनाव आयोग के निर्देशानुसार बैनर पोस्टर निकालने का काम नहीं रहा सफल

by Niraj Tiwari

भाजपा कांग्रेस नेताओं का अभी भी हो रहा खुला प्रचार

रायगढ़। चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता लगने के बाद से पार्टी और नेताओं के बैनर पोस्टर निकालने का काम जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को दिया गया था इसके बावजूद भी लोगों के गाड़ी से ना ही उनके पद और नंबर प्लेट निकले इसके अलावा आज भी बड़ी-बड़ी होर्डिंग विधानसभा क्षेत्र में देखी जा सकती है।

     विगत दिनों आचार संहिता जिले में लागू हो गई है। इसके बाद से कलेक्टर ने बैठक लेकर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को निर्देश दिए थे कि सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी तरह से पार्टी और राजनेताओं के बैनर पोस्टर नहीं रहेंगे। उन्हें 72 घंटे के भीतर निकालने का निर्देश कलेक्टर तारन प्रकाश सिंह ने दिया था। जिसमें पुलिस कप्तान सदानंद कुमार ने भी हामी भरते हुए पुलिस विभाग को जांच करके कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

शुभकामनाओं सहित हो रहा पार्टी और नेताओं का प्रचार

 आज भी नेता और पार्टी के बैनर पोस्टर रोड के बगल खड़े मकान में नजर आ रहे हैं। ऑटो चालक आज भी अपने गाड़ी के पीछे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आगमन का पोस्टर लगाकर धड़ल्ले से घूम रहे हैं। उन पर भी जिला प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने वाले पार्टी भक्त लोगों पर जिला प्रशासन और पुलिस कार्रवाई करने से क्यों कतरा रही है ? यह सवाल हर किसी को परेशान कर रहा है। पुलिस के द्वारा चेक पोस्ट बैरियर बनाकर लगातार जांच की जा रही है लेकिन सड़क किनारे बने मकानों में नेताओं के बड़े-बड़े बैनर पोस्टर लगाए जाने के बाद भी पुलिस और जिला प्रशासन के हाथ बंधे नजर आ रहे हैं। इस बात को लेकर आम जनता में असमंजस की स्थिति बनी हुई है जनता या नहीं समझ पा रही है कि आचार संहिता का महत्व क्या है ? 

कलेक्टर ने आते ही किया दौरा, पुराने ढर्रे पर की जांच

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में लापरवाही बरतने का आरोप लगने के बाद तात्कालिक कलेक्टर तारन प्रकाश सिंह को जिले से पद मुक्त कर दिया गया है उनके स्थान पर नव पदस्थ कलेक्टर कार्तिकेय गोयल को असीन भी कर दिया गया। जिनके कंधों पर आगामी विधानसभा चुनाव को सकुशल करने की जवाबदारी दी गई है अब देखना होगा कि उनके द्वारा इस तरह के छुटभैय्ये नेताओं की गाड़ियों से पार्टी का नेम प्लेट और बैनर निकाला जाता है या नहीं क्योंकि यदि आचार संहिता लगने के बाद विधायक मंत्री सभी के गाड़ियों को वापस लेकर वर्कशॉप में खड़ी करवा दी गई है तब बड़े बैनर के नीचे छोटा प्रतिनिधि लिखकर घूम रहे इन वाहन चालकों पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है ?

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