Home Chhattisgarh छत्तीसगढ़ के लिए आज तय हो सकते हैं पर्यवेक्षक

छत्तीसगढ़ के लिए आज तय हो सकते हैं पर्यवेक्षक

by Niraj Tiwari

छत्तीसगढ़ के लिए शुक्रवार को बीजेपी पर्यवेक्षक तय होने की उम्मीद हैं। रायपुर में प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और नितिन नबीन के साथ पर्यवेक्षक विधायकों से रायशुमारी करेंगे। माना जा रहा है कि इसके बाद 9 दिसंबर को विधायक दल की बैठक में सीएम का ऐलान किया जा सकता है। दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास में गुरुवार को पर्यवेक्षक तय नहीं हो सके। दिनभर नेताओं की बैठक होती रही है। छत्तीसगढ़ समेत तीन राज्यों के मुख्यमंत्री को लेकर दिल्ली में गुरुवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई है। बैठक शुरू होते ही पीएम मोदी को इस जीत के लिए सम्मानित किया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ये मेरी नहीं, पूरी टीम की जीत है। इससे पहले बुधवार को छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जीते 2 सांसदों अरुण साव और गोमती साय ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, रेणुका सिंह भी दिल्ली में हैं। इस्तीफे की बात पर उन्होंने कहा कि पार्टी जैसा निर्देश देगी, वैसा करेंगे।

छठी विधानसभा गठन की अधिसूचना जारी

प्रदेश के राज्यपाल हरिचंदन ने छठी विधानसभा गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही पांचवी विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो गया। इसके साथ ही 2018 में निर्वाचित विधायकों की विधायकी भी खत्म हो गई है। हारे हुए विधायक अब पूर्व की श्रेणी में आ गए हैं। ऐसे में विधानसभा सचिवालय ने उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जीतने वाले दो सांसदों ने अपना इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वालों में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, सांसद गोमती साय शामिल हैं। सांसद विजय बघेल को भी भाजपा ने टिकट दिया था मगर वो हार गए। वो सांसद हैं, इस्तीफा नहीं दिया। छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत के बाद मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नाम को लेकर चर्चा जारी है। पुराने दिग्गजों के साथ महिला सांसद-विधायक भी सीएम और मंत्री बनने की रेस में हैं। चर्चा है कि आदिवासी या फिर ओबीसी कोटे से प्रदेश को नया सीएम मिल सकता है। इसके अलावा आरएसएस की पसंद को प्राथमिकता देने की चर्चा राजनैतिक गलियारे में गर्म है।

आदिवासी या ओबीसी चेहरे पर दांव


छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अब लगभग यह तय हो गया है कि राज्य का मुख्यमंत्री आदिवासी या ओबीसी वर्ग से ही होगा। सियासी गलियारों में कई नामों की चर्चा है। बताया जा रहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी अनुभवी हाथों में नेतृत्व देना चाहती है। आदिवासी समुदाय से फिलहाल विष्णुदेव साय, गोमती साय के अलावा दूसरे नामों की भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। वहीं ओबीसी से अरुण साव व ओपी चौधरी का नाम सबसे आगे है।

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