कवि अकरम खान ने लोगों के बीच व्यक्त किया मानव पथ कृति का सार
रायगढ़। बुधवार की शाम बैडमिंटन खिलाड़ी और कवि अकरम खान द्वारा लिखी गई कविता संग्रह पुस्तक मानव पथ का विमोचन पॉलिटेक्निक ऑडिटोरियम में किया गया। इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि पुलिस विभाग के पूर्व डीआईजी जयंत थोरात उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि के अलावा विमोचन समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि नगर निगम कमिश्नर, सहायक कलेक्टर , जेएसपीएल से संजीव चौहान, डॉ हेम चंद्र पांडे, कवि मुमताज भारती, समाजसेवी सुभाष पांडे, इकराम खान और पुस्तक के लेखक अकरम खान मंच पर उपस्थित रहे।
विमोचन समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथि समेत अन्य मंचस्थ अतिथियों के हाथों माता सरस्वती की छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर की गई। जिसके पश्चात अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम प्रारंभ हुआ जिसमें मुख्य अतिथि समेत मंचासीन विशिष्ट अतिथियों का आयोजन समिति के द्वारा पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया स्वागत समारोह के पश्चात पुस्तक के लेखक कवि अकरम खान ने मानव पथ कृति के संदर्भ में उपस्थित लोगों के बीच अपनी भावना व्यक्त की। इस बीच लेखक कवि अकरम खान ने माता पिता के लिए बेटियों को ऊपर वाले का सबसे बड़ा उपहार बताते हुए कहा कि उन्होंने मानव पथ कृति का विमोचन उनकी बेटी आहना खान के जन्मदिन पर किया है। इस दौरान मुख्य अतिथि श्री थोरात ने बेटी अहाना को पुष्पगुच्छ देकर जन्मदिन की बधाई दी। कार्यक्रम की अगली कड़ी में अहाना खान ने अपने पिता और मानव पथ पुस्तक के कवि के विषय में अपने विचार व्यक्त किए तत्पश्चात डॉ हेम चंद्र पांडे ने मंच संभालते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि अकरम खान छायावाद के कवि हैं रायगढ़ साहित्य की नगरी है जहां छायावाद के बुद्धन पांडे जैसे नामचीन कवि निवासरत थे। उन्होंने मानव पथ कविता संग्रह के संदर्भ में लोगों को अवगत कराया इसके साथ ही कवि अकरम खान के विचार और लेखनी की खुले मन से सराहना की। आयोजन की इसी कड़ी में कवि मुमताज भारती नहीं माइक पकड़ते ही खिलाड़ी अकरम खान के भीतर कवि होने की बात कही इसके पश्चात उन्होंने मानव पथ को लेकर अपने विचार साझा किए उन्होंने जीवन को जिले के दो रास्तों में से एक रास्ता अपनाने को कहा उन्होंने बताया कि जीवन जीने के दो रास्ते हैं पहला रास्ता श्रेय का है जिसमें शुरुआत में थोड़ी मुश्किल होती है लेकिन बाद में उस रास्ते पर चलने का आनंद और सुखद परिणाम होता है जिसे सामाजिक जीवन कहते हैं वही दसरा रास्ता
प्रेय का रास्ता है जिसमें शुरुआत में सुख अवश्य मिलता है लेकिन जीवन जीने का आनंद उसमें मिलना मुश्किल है जिसे व्यक्तिगत जीवन कहा जाता है।
खेल और लेखनी के अद्भुत संगम का नाम है अकरम
बतौर मुख्य अतिथि आयोजन में शामिल होने पहुंचे पुलिस विभाग के डीआईजी जयंत थोरात ने अपने उद्बोधन में जिले के मुकुलधर पांडे, आनंदी सहाय शुक्ला, सुभाष त्रिपाठी, बलदेव सहाय और अन्य साहित्य जगत के लोगों को नमन करते हुए कहा कि जिन्होंने रायगढ़ का नाम देश में साहित्यिक जगत में प्रमुखता से आमोहित किया है उन्हें वह इस मंच से सलाम करते हैं। अपनी बात आगे रखते हुए उन्होंने कहा कि वह कभी अकरम खान की पहली रचना में भी शामिल होने रायगढ़ पहुंचे थे और तभी से उन्हें लगा कि अकरम खान के ऊपर माता सरस्वती का भरपूर आशीर्वाद है। उन्होंने बताया कि समाज में दिखने वाली अशांति को लेकर लेखक के मन में छटपटाहट होती है। उसका हल तलाशने की कोशिश लेखक करता है लेखक जो देखता है वही लिखता है। किसी की झूठी तारीफ करने का मन लेखक का बिल्कुल नहीं होता है और मानव पथ पुस्तक में मानव के बाल्यावस्था, किशोरावस्था और युवावस्था में होने वाली मन में हलचल और स्थिति परिस्थिति को लेकर काफी कुछ दर्शाया गया है। इसे पढ़कर युवा वर्ग प्रेरणा ले सकता है।