Home Chhattisgarh जीताऊ के साथ वफादार उम्मीदवार को प्राथमिकता डॉ.महंत विधानसभा अध्यक्ष के बयान से सियासत मे नई बहस ने पकड़ा तूल

जीताऊ के साथ वफादार उम्मीदवार को प्राथमिकता डॉ.महंत विधानसभा अध्यक्ष के बयान से सियासत मे नई बहस ने पकड़ा तूल

by Niraj Tiwari

रायगढ। व्यक्तिगत प्रयोजन से गत रविवार रात शहर पहुंचे छग विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने इस बार विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण के मापदंड मे उम्मीदवार के लायल्टी टेस्ट यानि पार्टी के प्रति वफादारी की पहचान को आवश्यक बताकर सियासी हल्के मे नई बहस को तूल दे दिया है।धार्मिक आयोजन मे शामिल होने रायगढ़ पंहुचे पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ.चरणदास महंत ने कहा कि पार्टी चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार को ही अवसर देने के पक्ष मे है किंतु कांग्रेस का उम्मीदवार पार्टी के प्रति वफादार भी होना चाहिए वरना म.प्र की कमलनाथ सरकार की कहानी छ.ग मे भी दोहराई जा सकती है। डॉ. महंत के मुताबिक छग मे सरकार की वापसी पर विपक्ष की ओर से विधायकों के जोड़..तोड़ की भरपूर कोशिश की बहुत हद तक आशंका है।


गौरतलब है कि अप्रत्याशित बहुमत के साथ डेढ़ दशक का वनवास काट सत्ता मे लौटी कांग्रेस के लिए आगामी चुनाव कई मायनों मे अहम है। महज 5 साल मे छग की जनता का अपार विश्वास हासिल करने के बाद जहां मुख्यमंत्री समेत तमाम कांग्रेसी नेता सरकार रिपीट होने के प्रति आश्वश्त हैं तो एग्जिट पोल ने भी कांग्रेस के पक्ष मे चुनाव परिणाम आने की प्रबल संभावना व्यक्त कर कांग्रेसी खेमे मे अतिरिक्त उर्जा भर दी है ! लेकिन इन सब के बावजूद कांग्रेस की कुछ मौजूदा सीटें रेड जोन मे बताई जा रही हैं और इन सीटों पर वर्तमान विधायक को कड़ी चुनौती देने पार्टी के ही दर्जनों दावेदार ताल ठोंकते नजर आ रहे है। ऐसे मे कांग्रेस चुनाव समिति ने भी उम्मीदवारों के चुनाव जीतने की क्षमता के साथ पार्टी के प्रति उनकी वफादारी का भी आकलन करने मे जुटी है। इसकी वजह स्पष्ट करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व छग विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने कहा कि दावेदारों का लायल्टी टेस्ट इसलिए जरूरी है क्योंकि प्रत्याशी यदि जीताऊ चेहरा होकर भी कांग्रेस के प्रति वफादार ना रहा तो छग मे भी मध्यप्रदेश की पिछली सरकार जैसा हाल हो जाएगा। इससे यह साफ हो गया कि कांग्रेस को इस बार छग मे खेला होने का पूरा अंदेशा है।वहीं इस पूरे कार्यकाल मे संगठन के अंदरुनी असंतोष से जूझती सरकार को भी यह आशंका है कि संगठन के इस कमजोरी का फायदा विपक्ष ना उठा ले ! शायद इसीलिए पार्टी जीत की प्रबल संभावना के बावजूद कांग्रेस मे उम्मीदवारों के वफादारी व ईमानदारी की कसौटी पर कसकर ही चुनाव का टिकट देने पर सहमति बनाएगी। डॉ. महंत ने भी इस बार कांग्रेस 75 पार का नारा दोहराते हुए पार्टी के सत्ता वापसी का दावा किया।

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