Home Chhattisgarh पूर्वजो के सेवाभावी स्मृति कार्यो को जीवंत रखने आय का एक अंश संचय कर लगा रहे जरूरत मंद की सेवा में

पूर्वजो के सेवाभावी स्मृति कार्यो को जीवंत रखने आय का एक अंश संचय कर लगा रहे जरूरत मंद की सेवा में

by Niraj Tiwari

दादा की सेवाक़री भूमिका पिता के नक्से कदम में पीढ़ी दर पीढ़ी सहयोग का उठाया बेड़ा 

रायगढ़। पार्षद नीरज शर्मा व परिवार ने स्वच्छता दीदी,वार्ड, सफाई कर्मी, ग्राम बगचबा के 400 परिवार को बाटे कंबल 

रायगढ़ जिले में सामाजिक तासीर और सेवाकारी स्वभाव हर स्तर में नजर आता है। लोग सेठ किरोड़ीमल की दानवीरता को ग्रामीण अंचल से लेकर शहरी क्षेत्र में परंपरा को निर्वहन कर रहे है। लोग अपने अपने सामर्थ्य के मुताबिक पूर्वजो के नक्शे कदम में चलते हुए सेवाभावी कर जरूरत मंदो का सहयोग कर रहे है। इसके घरघोड़ा नगर पंचायत के पार्षद और उनके परिवार के सदस्यों ने 400 परिवारो में कंबल वितरण किया।

घरघोड़ा नगर पंचायत के पार्षद नीरज शर्मा व उनका परिवार शुरू से समाजिक कार्यो में अग्रणी रहा है। इनके दादा  हरद्वारीमल शर्मा घरघोड़ा नपं के प्रथम मनोनीत अध्यक्ष हुए थे। पिता भी कांग्रेस के कई पदों पर रह चुके है । पूर्वजों के संस्कारो को जीवित रखने नीरज शर्मा व उनका परिवार  समाजिक कार्यो में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। पत्नी कविता शर्मा पूर्व न पं उपाध्यक्ष रह चुकी है। उन्होंने भी अपने सामाजिक संस्था के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र  में कई महत्वपूर्ण कार्य कर चुकी है। जिसके लिए कई स्तर में सम्मानित व पुरस्कृत हो चुकी है।

समाजिक कार्यो की फेहरिस्त में इन्होंने घरघोड़ा नगर पंचायत के अपने वार्ड, सफाई कर्मचारियों ,स्वछता दीदियों के साथ साथ ग्राम बगचबा जिसे इन्होंने अपनी प्रथम  कर्मभूमि बताया इन सभी को मिलाकर 400 परिवारों को ठंड को देखते हुये अपनी माता रुकमणी देवी शर्मा के हाथों से कम्बलों का वितरण कराया। इससे पहले घरघोड़ा बार रूम में आलमारी, कुर्सी दान समेत नगर में अन्य कई तरह के सेवा कार्य को दैनिक दिनचर्या में शामिल कर चुके है।  शर्मा परिवार अपने पूर्वजो के सम्मान और उनके सेवा कार्यो को जीवंत रखने के लिए उठाए गए कदम को हर वर्ग सराहना कर रहा है कुछ ने तो इसे अपनाया भी है।

पिता के निधन के बाद लिया संकल्प

पिछले वर्ष अपने पिता के निधन के पश्चात इन्होंने पूर्वजो की स्मृतियों को जीवित रखने की सोच सोची और उसे मूर्त रूप देने राशि के संचय हेतु गुल्लक रखा है। जिसमे प्रतिदिन अपनी आय का एक अंश जमा करते है और उसी राशि से पूर्वजो की स्मृतियो को जीवित रखने का कार्य  आरम्भ किया है। कुछ दिन पूर्व इन्होंने घरघोड़ा बार रूम में लाइब्रेरी के लिये आलमारी व कुर्सिया भी प्रदान किया था।

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