Home Chhattisgarh ग्रीन बेल्ट एरिया में मंदिर बनाकर किया जा रहा अवैध कब्जा 

ग्रीन बेल्ट एरिया में मंदिर बनाकर किया जा रहा अवैध कब्जा 

by Niraj Tiwari

सैकड़ो पेड़ों की बलि चढ़ा कर प्रेम नगर निवासी तस्कर रायगढ़ वीरप्पन बढ़ा रहा मंदिर परिसर 

रायगढ़। चक्रधर नगर स्थित प्रेम नगर मोहल्ला के सामने ग्रीन बेल्ट एरिया में हजारों पेड़ प्रशासन द्वारा लगाए गए हैं जिन्हें अवैध रूप से काटकर ग्रीन बेल्ट एरिया में कब्जा किया जा रहा है उक्त मामले में वन मंडल अधिकारी उनके कार्य क्षेत्र से अलग होने की बात बता रहे हैं वही नगर निगम अधिकारी द्वारा भी उक्त मामले को संज्ञान नहीं लिया जा रहा है जिससे अवैध कब्जाधारी का मनोबल बढ़ रहा है।

जिला न्यायालय के सामने सड़क की दूसरी ओर बनाए गए ग्रीन बेल्ट एरिया को प्रेम नगर निवासी भवानी साव द्वारा अवैध तरीके से अतिक्रमण किया जा रहा है। शुरुआत में एक छोटा सा मंदिर बनाने के बाद से आए दिन ग्रीन बेल्ट एरिया के पेड़ों को काट काट कर करीब 3 डिसमिल जगह पर मंदिर प्रांगण बनाया गया है। भवानी साव लकड़ी तस्करों की तरह पेड़ों की छाल को एक दूसरे से अलग करके पहले पेड़ों को सूखता है। उसके बाद सूख जाने पर पेड़ों की कटाई कर मंदिर का घेराव बढ़ाता जा रहा है। हालांकि यह बात हर किसी के सामने स्पष्ट है लेकिन भवानी साव के लड़ाकू रवैया को लेकर उससे कोई भी मोहल्लावासी विवाद नहीं करता है।

नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी सभी को जानते हुए भी भवानी साव को अवैध अतिक्रमण करने की मौन स्वीकृति दे रहे हैं। इस बात की सूचना स्थानीय लोगों द्वारा वन मंडल अधिकारी को फोन के माध्यम से दी गई तब उन्होंने बताया कि न्यायालय के सामने सड़क की दूसरी ओर स्थित ग्रीन बेल्ट एरिया वन मंडल क्षेत्र में नहीं आता है जिससे वह उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर है वही नगर निगम आयुक्त को सूचना देने पर उन्होंने जांच करवा कर जल्द से जल्द कार्रवाई करने की बात की लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी वन मंडल अमला द्वारा कोई कार्यवाही नहीं गई। वर्तमान स्थिति यह है कि 20-20 फीट उंचे सैकड़ों पेड़ों की बलि चढ़ा कर भवानी साव ने लकड़ी भी बेंच दिया और कुछ लड़कियों को अपने उपयोग में लाकर चौखट, खिड़की इत्यादि निर्माण कर लिया। वर्तमान में भी दर्जनों टिंबर मंदिर प्रांगण में रखे गए हैं।

जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण हो रहा अतिक्रमण

इस विषय में जब भवानी साव से चर्चा की गई तब उसने अपने कारनामे को छिपाते हुए कहा कि वह सूखे पेड़ों को जलाऊ  लकड़ी के रूप में उपयोग करता है। उसके द्वारा पेड़ों की कटाई नहीं की गई है। लेकिन मौके पर देखने से स्पष्ट मालूम चलता है कि किस तरह उसने कच्चे पेड़ों को बेरहमी से काटकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है। जिला प्रशासन के जवाबदार और जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण इस तरह अवैध तस्करी करने वालों का मनोबल बढ़ रहा है और उनके द्वारा लगातार पेड़ों की कटाई कर उन्हें बिक्री किया जा रहा है। आस पड़ोस के लोगों ने नाम नहीं बताने की बात कहते हुए बताया कि कुछ नियम कर्मचारियों के साथ भी भवानी साव के संबंध हैं। जिस कारण उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।

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