कुंआ में गिरने के बाद बांस शरीर से हुआ था आर-पार
रायगढ़। चक्रधर नगर थाना क्षेत्र स्थित ग्राम बलभद्रपुर निवासी 65 वर्षीय वृद्ध पानी भरते समय कुआं में जा गिरा। जिससे शरीर के तीन चार हिस्सों में बांस शरीर भेदकर आर पार हो गया। वृद्ध को परिजनों ने इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाकर भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों की टीम ने सफल ऑपरेशन कर वृद्ध की जान बचाई।
जानकारी देते हुए पीड़ित कंसाराम राठिया पिता चिमटू राठिया उम्र 65 वर्ष निवासी ग्राम बलभद्रपुर के परिजनों ने बताया कि रविवार को सुबह 8 बजे कंसाराम राठिया घर के आंगन में स्थित कुंआ से पानी निकाल रहा था। इस दौरान कुंआ के उपर ढंक कर रखी बांस की चहली टूट जाने से कंसाराम राठिया का नियंत्रण छूट गया और वह कुंआ में जा गिरा। कुंआ के भीतर कंसाराम के उपर बांस इस तरह गिरा कि बांस पेट के आर-पार हो गया। जिससे उसका शरीर लहूलुहान हो गया। घरवालों ने काफी मशक्कत के बाद कंसाराम को कुंआ से बाहर निकाल कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया जहां पीड़ित की गंभीर स्थिति को देखते हुए उपस्थित डाक्टर ने तत्काल पीड़ित को भर्ती कर आपरेशन के लिए सिनीयर डॉक्टरों को जानकारी दी।
5 सदस्यीय टीम ने द्वारा साढ़े 3 घंटे तक किया गया आपरेशन
जानकारी देते हुए प्रोफेसर सर्जन डॉ शोभित माने ने बताया कि जब पीड़ित कांसा राम राठिया को भर्ती किया गया था तब शरीर के भीतर बांस आर-पार होने से कई पसलियां क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिन्हें काफी मेहनत करने के बाद वापस व्यवस्थित किया जा सका। गनीमत यह थी कि बांस का टुकड़ा लिवर, किडनी और हार्ट को चोटिल नहीं किया था अन्यथा जान बचा पाना मुश्किल हो जाता। गंभीर चोट लगने के कारण मरीज के शरीर में खून की काफी कमी हो गई थी। जिसे ध्यान में रखते हुए अस्पताल की टीम ने ही ए – बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप की चार यूनिट का प्रबंध कर मरीज को चढ़ाया और आवश्यक होने के कारण निजी सेंटर में सोनोग्राफी और सीटी स्कैन अस्पताल प्रबंधन द्वारा कराया गया।
पीड़ित और परिवार वालों ने जताया आभार
मेडिकल कॉलेज अस्पताल की सर्जिकल वार्ड में भर्ती कांसा राम राठिया और उसके परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और ऑपरेशन करने वाली डॉक्टरों की टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि निजी अस्पताल में जहां मामूली चोट लगने पर भी इलाज करने से पहले पैसा एडवांस जमा कराया जाता है वही मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अनुभवी डॉक्टरों द्वारा बिना पैसा लिए और बिना पैसा खर्च कराए तत्काल इलाज किया जाता है। जिस कारण आज कांसा राम की जान बच सकी। कंसाराम के परिजनों ने आपरेशन में शामिल सर्जन डॉ शोभित माने, सहायक डॉक्टर लीजारुस तिर्की, एनेस्थीसिया डॉक्टर विनोद लकड़ा एवं 2 अन्य स्टाफ तथा अस्पताल प्रबंधन का आभार जताया है।