रायगढ़।आम जनमानस के सहयोग से वर्ष 2016- 2017 में जन- जागरण नेत्रदान-महादान का शंखनाद रायगढ़ जिले में हुआ। जिससे पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में सर्वाधिक नेत्रदान देकर नयी रौशनी का अध्याय अर्जित किया गया है।
डी.आर.एफ. संस्था आगामी कार्यक्रम में 1000 से अधिक नागरिकों को नेत्रदान संकल्प पत्र भरवाकर संकल्पित करेगी। साथ ही एक एबुलेंस वाहन 24*7 निःशुल्क 200 कि.मी. तक तत्काल नेत्रदान के कार्निया को सुरक्षित नेत्र बैंक तक पहुँचने में मदद करेगी।
जानकारी देते हुए देवकी रामधारी फाउंडेशन के चैयरमैन दीपक अग्रवाल डोरा ने बताया कि सन 1995 में ट्रेन डकैती में गोली लगने के बाद खून की आवश्यकता समझ आई। 100 बार उन्होंने रक्तदान स्वयं किया है और करीब 1000 हजार लोगों को प्रेरित भी किया है। उनकी मां ने खुद शरीर दान करने की इच्छा जताई थी। उसके बाद उनकी मां के मरणोपरांत आंख दान डॉ प्रभात पटेल की उपस्थिति में कराया गया था।
जानकारी देते हुए उन्होंने आगे कहा कि मौत के 5 घंटे के भीतर आंख निकालने पर वह उपयोगी रहती है। डॉक्टर कार्निया को एमकेमिडिया में रखकर सिम्स बिलासपुर में भेजा जाता है। 160572 लोग अंधत्व की चपेट में हैं। 7 साल में 85 लोगों ने नेत्रदान करके 170 लोगों को नेत्र ज्योति का लाभ मिला है। 7 साल के बाद 19 लोगों ने देहदान किया है। 2 -3 कलेक्टर से आग्रह किया गया है कि रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में आई ट्रांसप्लांट की व्यवस्था की जाए ताकि रायगढ़ की जनता और भी विश्वास बढ़े इसके साथ ही नेत्रदान और देहदान के लिए प्रेरित हों। अंगदान देने वाले की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ हो। जिस तरह शहीद जवानों के परिवार को शहीद परिवार संबोधित किया जाए ताकि सभी के परिजन सम्मानित महसूस करें। नेत्रदानी परिवार और देहदानी परिवार का टाइटल मिलने का सुझाव दिया गया। उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से अपने मुलाकात का सुखद अनुभव भी पत्रकारों से साझा किया। श्री अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सुझाव दिया कि मैंने संकल्प लिया आप भी करके देखें अच्छा लगता है इस स्लोगन का इस्तेमाल करके और लोगों को भी प्रेरित करें।