Home Chhattisgarh विश्व आदिवासी दिवस पर हुआ जिला स्तरीय कार्यक्रम

विश्व आदिवासी दिवस पर हुआ जिला स्तरीय कार्यक्रम

by Niraj Tiwari

मेधावी छात्रों के साथ खेल प्रतिभाओं का हुआ सम्मान

रायगढ़। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन कलेक्टोरेट के सृजन सभाकक्ष में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य शासन विभिन्न योजनाओं के माध्यम से हमारे प्रदेश की समृद्ध आदिवासी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का कार्य कर रही है। हमारी सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित किया है।

आदिवासी संस्कृति के संरक्षण हेतु मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना से उत्सवों व त्योहारों को संरक्षित करने के उद्देश्य से अनुसूचित क्षेत्रों के प्रत्येक पंचायत को 10 हजार रुपये की राशि दी जा रही है। देवगुड़ी विकास के लिए भी राशि का प्रावधान किया गया है। इसके साथ वन अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन कर वन अधिकार पत्र दिए जा रहे है। जिससे उन्हें भू-स्वामित्व का लाभ मिल रहा है। शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर वनोपज की खरीदी का दायरा बढ़ाने के साथ कीमतों में भी वृद्धि की है। जिसका लाभ वनांचल में रहने वाले संग्राहक परिवारों को मिल रहा है। शासन की योजनाओं से अनुसूचित क्षेत्रों में रोजगार सृजन के कार्य किए जा रहे है। इसके साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, सुपोषण के क्षेत्र में भी लगातार कार्य किया जा रहा है।


विधायक धरमजयगढ़ लालजीत सिंह राठिया ने सभी को आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आदिवासी संस्कृति परंपरा को आगे बढ़ाने का निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने देवस्थलों के संरक्षण एवं देवी-देवताओं को संरक्षित करने के लिए बजट दिया, जो सराहनीय कार्य है। खेलकूद के माध्यम से भी आदिवासियों को आगे बढ़ा रही है। अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के जाति एवं निवास प्रमाण पत्र भी सरलता से बन रहे है। रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन आदिवासी वर्गो के खुशहाली एवं तरक्की की दिशा में सतत रूप से प्रयासरत है। जिसके तहत आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार संवर्धन के क्षेत्र में विशेष रूप से कार्य किया जा रहा है। जिसका सीधा फायदा उनके जीवन पर पड़ रहा है और वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे है। जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल ने कहा कि आदिवासियों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में शासन लगातार कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ शासन की अनेक योजनाओं से आदिवासी समाज के सभी वर्गो को लाभ मिल रहा है।


कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कहा कि राज्य शासन आदिवासियों के अधिकारों के हित में विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है। राज्य शासन की योजनाओं के साथ प्रशासनिक प्रयासों से इन क्षेत्रों में आदिवासी संस्कृति के संरक्षण तथा उसे बढ़ावा देने, वन अधिकार पट्टा वितरण के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, जल और पर्यावरण संरक्षण व रोजगार संवर्धन के क्षेत्र में विशेष रूप से कार्य किया जा रहा है। आदिवासियों की विशिष्ट संस्कृति को बचाये रखने के लिए गांवों की सांस्कृतिक दलों को आवश्यक सामग्री की व्यवस्था हेतु 10 हजार रुपये तक की राशि दी जाती है। पिछले चार वर्षो में 156 दलों को 15 लाख 60 हजार रुपये दिए गए। इसी प्रकार मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र के ग्रामों में स्थानीय उत्सवों व त्यौहारों के साथ सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए 10 हजार रुपये की राशि दिए जाने का प्रावधान है। अनुसूचित क्षेत्रों के 377 ग्राम पंचायत को प्रथम किश्त के रूप में 18 लाख 85 हजार रुपये की राशि दी गई है। इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों में पारा, मजरा, टोलों में देवस्थल के विकास हेतु राशि स्वीकृत की जाती है। इसके अंतर्गत अब तक 75 देवगुड़ी हेतु 85 लाख 50 हजार की राशि स्वीकृत की गई है।
इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार, अपर कलेक्टर संतन देवी जांगड़े, डीएफओ रायगढ़ स्टायलो मण्डावी, डीएफओ धरमजयगढ़ अभिषेक जोगावत, सहायक कलेक्टर युवराज मरमट, आयुक्त नगर निगम सुनील कुमार चंद्रवंशी, उपायुक्त आदिवासी विकास विभाग बी.के.राजपूत सहित जिला स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी एवं आदिवासी समाज के प्रमुखगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन प्राचार्य राजेश डेनियल ने किया।



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