आम जनता अवमानना कर अभी भी नदी में ही कर रही गणेश प्रतिमा विसर्जन
रायगढ़। एनजीटी के निर्देश और पर्यावरण संरक्षण मंडल के आदेश पर केलो नदी में गणेश या अन्य प्रतिमा विसर्जन करना प्रतिबंधित है। निगम प्रशासन ने शहरवासियों से गणेश या अन्य प्रतिमा विसर्जन अतरमुड़ा मांगलिक भवन तालाब और विजयपुर तालाब में ही करने की अपील की है। निगम कमिश्नर सुनील कुमार चंद्रवंशी, कार्यपालन अभियंता अमरेश लोहिया एवं निगम टीम द्वारा निरीक्षण किया भी जा रहा है लेकिन आम जनता को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। वह अभी भी नदी में ही प्रतिमा विसर्जन करने में लगे हैं।
प्रतिमा बनाने में सिंथेटिक, हार्मफुल कलर व अन्य केमिकल का उपयोग होता है। इसके संपर्क में आने पर जल दूषित होता है। इससे इस पानी के उपयोग करने वाले पशु-पक्षी, जीव जंतु पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इसे देखते हुए ही एनजीटी ने नदी में प्रतिमाओं के विसर्जन पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश एवं पर्यावरण संरक्षण मंडल के आदेश के तहत निगम प्रशासन द्वारा केलो नदी में गणेश प्रतिमा या अन्य प्रतिमा विसर्जन करना पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके एवज में निगम प्रशासन द्वारा अतरमुड़ा मांगलिक भवन तालाब और विजयपुर तालाब में गणेश प्रतिमा व अन्य प्रतिमा विसर्जन करने की सुविधा दी गई है। निर्देश के बाद भी केलो नदी में गणेश प्रतिमा अथवा अन्य प्रतिमा विसर्जन करते पाए जाने पर जुर्माना के साथ एफ आई आर व अन्य वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। निगम प्रशासन ने पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए शहरवासियों से केलो नदी में गणेश व अन्य प्रतिमा विसर्जन नहीं करके अतरमुड़ा तालाब व विजयपुर तालाब में प्रतिमा विसर्जन करने की अपील की है। कमिश्नर श्री चंद्रवंशी, कार्यपालन अभियंता श्री लोहिया ने तालाब का निरीक्षण किया गया। इस दौरान दोनों ही तालाबों की सफाई करने जल विभाग के कर्मचारी को निर्देशित किया गया। विसर्जन के लिए तालाब में व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए निगम अपनी ओर से पूरी मेहनत कर रहा है। लेकिन शहरी क्षेत्र से काफी दूर होने के कारण लोग विजयपुर तालाब और अतरमुड़ा तालाब जाने के बजाय नदी के छोटे-मोटे घाट में ही प्रतिमा का विसर्जन कर रहे हैं। ऐसे में केलो नदी का प्रदूषण होना स्वाभाविक है।