Home Chhattisgarh जननायक रामकुमार अग्रवाल के शताब्दी जन्मदिवस पर रायगढ़ बचाओ संघर्ष मोर्चा ने किया आयोजन 

जननायक रामकुमार अग्रवाल के शताब्दी जन्मदिवस पर रायगढ़ बचाओ संघर्ष मोर्चा ने किया आयोजन 

by Niraj Tiwari

पर्यावरण प्रदूषण को लेकर सभी ने अपने विचार किए साझा

रायगढ़। शहर और जिले की प्रदूषण की समस्या अब विकराल रूप धारण करते जा रही है। अब तक प्रदूषण को लेकर ऐसा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है जिससे आम जन मानस राहत महसूस कर सके बल्कि प्रदूषण के हालात अब सोच से कहीं ज्यादा विकराल रूप धारण कर चुका है। हवा पानी इस कदर जहरीला हो चुका है कि लोग समझ नहीं पा रहे है कि जो उन्होंने किया ही नहीं है उसकी सजा वो क्यों भुगत रहे हैं।

आम नागरिक शहर एवं जिले का प्रदूषण के विपरित मानसिकताओं को बनाकर सोसल मीडिया से लेकर सड़क तक उतरने के जज्बे से ओतप्रोत नजर आ रहे है और फिर आम जनता की मानसिकता यह भी है कि इस प्रदूषण को फैलाने के जिम्मेदार वो नहीं है और जो जिम्मेदार है वे बख्तर बंद घरों और गाडियों में ऐशो आराम से जीवन व्यतीत कर रहे हैं। शताब्दी पुरुष स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जन नायक रामकुमार अग्रवाल ने प्रदूषण को लेकर पुरजोर तरीके से आवाज को उठाया और जल जंगल जमीन के विषय पर अंतहीन प्रयास किए थे। उम्र एक पड़ाव में आकर भी उन्होंने युवाओं से ज्यादा आंदोलन और लड़ाइयां लड़ी पर उद्योगपतियों की चौखट पर कभी नहीं झुके। ऐसा ही एक एकजुट प्रयास पर्यावरण प्रदूषण को लेकर अब उठाने की जरूरत युवाओं में देखा जा रहा है।

इस विषय में जब युवाओं और छात्रों के बीच पहुंचकर इस विषय पर चर्चा किया तो रूबरू हो कर यह समझने में देर नहीं लगी। चाहे वो कॉमर्स,कला और विज्ञान का छात्र हो तो उसे पर्यावरण और प्रदूषण को भी पढ़ना पड़ता है और उसे इस पर परीक्षा भी देनी पड़ती है जब इन छात्रों ने आबोहवा को परखना शुरू किया तो उनके भी प्रदूषण को लेकर दिलो दिमाग के पटल खुलने लगे और अब इस विषय पर छात्र भी गहन चिंतन में है कि आखिर हम प्रदूषण की मार कब तक झेले और अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या हम विरासत में जहरीले आबो हवा में जीने को छोड़े जायेंगे। फिर उस रायगढ़ जिले के वासिंदों को उद्योगपतियों और नौकर शाह ऐसा कैसे सोच लेते हैं कि कई गुना अधिक फैलने वाला प्रदूषण जल, जंगल ,जमीन को तो तबाह कर ही रहा है साथ ही मनुष्य के जीवन के तबाही और आने वाली नस्लों को हिरोशिमा नागासाकी के समान वे परमाणु हमले के पश्चात बीमार या दिव्यांग से बीमार पैदा करवाना चाहते हैं।जब हम विज्ञान संकाय के रसायन शास्त्र के एमएससी के छात्रों से इस विषय पर चर्चा करने के लिए बैठक की तो छात्रों का तो गुस्सा फूट पड़ा उन्होंने कुछ दिनों पहले ही केलो नदी के पानी रायगढ़ में फैलते प्रदूषण पर रिसर्च किया था जिसमे की एक छात्र ने यहां तक कह दिया की हुकूमतों के नौकरशाहों की सबसे ज्यादा जनसंख्या देश की राजधानी दिल्ली में है जहां केवल 11 कोयला आधारित उद्योगों के प्रदूषण से घिरा हुआ है। जिसमें विदेशी रिसर्च के अनुसार यहां के निवासियों की औसतन उम्र 11 साल 9 महीने कम हो रही है। तो रायगढ़ जिला तो लगभग 73 कोयला आधारित उद्योगों पावर प्लांट की मार को झेल रहा है जिससे आम इंसानी की उम्र कितनी कम हो गई यह सफेद कागज में लिखे काली प्रदूषित से सियाहिओं का लिफाफा शासन के विभागों ने अभी खोला ही नहीं है क्योंकि उन्हें इस बात का डर है कि कहीं यह खुल गया तो रायगढ़ इसे सह नहीं पाएगा। इन छात्रों ने यह भी बताया कि केलो नदी सहित रायगढ़ का पानी कई गुना विषैला हो चुका है अब इसे रोकने के लिए किसी को तो आगे आना पड़ेगा।

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