आयुष्मान योजना की इंसेंटिव राशि के घोटाला की जांच करने पहुंची टीम
रायगढ़। जिला अस्पताल में इंसेंटिव वितरण की जांच करने व शिकायतकर्ताओं का बयान दर्ज करने के लिए सोमवार को राजधानी रायपुर से तीन सदस्यीय टीम पहुंची। इस दौरान उक्त टीम ने सभी शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज किए। इस दौरान कर्मचारियों व जिला स्तरीय जांच समिति के अधिकारियों के बीच बहसबाजी होने की भी जानकारी मिली। बताया जा रहा है कि उक्त जांच दल इस मामले में आज अंतिम निर्णय ले सकती है।
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल पहुंची टीम की जांच से शिकायतकर्ता असंतुष्ट नजर आ रहे हैं क्योंकि जिन लोगों पर इंसेटिव घोटाले का आरोप है उन्हीं के सामने जांच टीम ने बयान लिया और आमने सामने सवाल जवाब भी किया। जिला स्तरीय टीम पर भी आरोप है कि वह इस पूरे मामले को रफादफा करने में लगी है तभी उसने बेगुनाह 4 डाटा इंट्री ऑपरेटर्स को बलि का बकरा बनाते हुए निलंबित कर दिया। जानकारी के अनुसार जिन 48 लोगों ने इंसेंटिव घोटाले की शिकायत कलेक्टर, स्वास्थ्य मंत्री, विधायक समेत कई लोगों तक की है उन्हें जांच समिति के समक्ष उपस्थित होने के लिए सिविल सर्जन ने बुलाया था। रायपुर से आई जांच समिति में एक डॉक्टर, एक एकाउंट विभाग से और एक नोडल अधिकारी आयुष्मान योजना के है। जिला स्तरीय जांच टीम डॉ. भानू पटेल, एकाउंट ऑफिसर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक और सीएस डॉ. आरएन मंडावी समेत 5 लोग हैं। रायपुर की टीम ने एक- – एक कर पीड़ितों को बुलाया और कथित आरोपी – प्रोग्राम मैनेजर मनीष नायक और आयुष्मान योजना के जिला नोडल अधिकारी तिलेश दीवान के सामने ही बयान दर्ज करने लगे। कई मौकों पर दोनों की शिकायतकर्ताओं से – बहसबहसी भी हुई। नर्सिंग स्टाफ ने तो जमकर – भड़ास निकाली और सभी ने एक स्वर में अपने हक के पैसे की मांग की। लैब टैक्निशियनों ने भी पैसा मांगा और घोटाले के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की शिकायतकर्ताओं ने बताया कि यह जांच सिर्फ दिखावा है अन्यथा जिन पर आरोप हैं उन्हें साथ बिठाकर बयान कब लिया जाता है ऐसा कहीं नहीं होता। पैसे की रिकवरी के साथ ही नियमानुसार दोषियों के निलंबन की कार्रवाई की मांग कर्मचारियों द्वारा की गई। जांच टीम के सामने तब अजीब स्थिति पैदा हुई जब जिला चिकित्सालय के आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डॉ. प्रकाश चेतवानी ने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए बताया कि उन्हें जिला अस्पताल के डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के तहत आए इंसेंटिव के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही उनसे होकर कोई फाईल आगे बढ़ी है। इस पर टीम ने कहा कि अब तक जरूरी नहीं है कि अस्पताल के नोडल के पास से फाइल आगे बढ़े, सीएस काफी हैं, अस्पताल के नोडल से होकर फाइल आगे बढ़े ऐसी व्यवस्था की जाएगी।