पोती का जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए मिसल निकलवाने कलेक्ट्रेट जा रहा था मृतक
रायगढ़। शहर के छातामुड़ा चौक में ट्रक की चपेट में आने से मोटर सायकल सवार एक बुजुर्ग की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं, उसका साथी घायल है। ग्राम पुटकापुरी का मृतक अपनी पोती के जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए मिसल निकलवाने कलेक्ट्रेट जा रहा था। जूटमिल पुलिस हादसे की छानबीन कर रही है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार समीपस्थ ग्राम पुटकापुरी निवासी भरत राम सिदार पिता साधोराम उम्र 65 वर्ष को स्कूल में पढ़ने वाली अपनी पोती की जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए मिसल की जरूरत पड़ी, इसलिए वह गांव के जमुना चौहान के साथ मोटर सायकिल में बैठकर मंगलवार सुबह लगभग 11 बजे कलेक्ट्रेट जाने निकला था। तकरीबन साढ़े 11 बजे बाईक सवार दोनों ग्रामीण रायगढ़ के छातामुड़ा बायपास चौक पहुंचे। बिलासपुर- ओड़िशा और रायपुर जाने वाले इस व्यस्ततमः चौराहे में पुटकापुरी के दोनों शख्स सड़क पार कर ही रहे थे कि बगल से निकलने वाले ट्रक क्रमांक – ओडी 04 एम 9992 की चपेट में वे आ गए। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो यह हादसा इतना भयंकर था कि बाईक से गिरकर चालक जमुना चौहान किनारे फेका गया। वहीं, मोटर सायकिल सहित भरत राम को ट्रक करीब 20 फीट तक घसीटते हुए ले गया। नतीजतन, बुरी तरह जख्मी बुजुर्ग ने मौके पर ही तड़पते हुए दम तोड़ दिया। छातामुड़ा चौक में अपनी गाड़ी से बाईक सवार की दर्दनाक मौत होने की घटना से सहमा ट्रक चालक पकड़े जाने के डर से गाड़ी छोड़कर भाग निकला। यही वजह है कि जूटमिल पुलिस ट्रक को जब्त करते हुए धारा 279, 337, 304 ए के तहत फरार चालक की खोजबीन जारी है।
दुर्घटना के बाद पुलिस ने भले ही भरत लाल सिदार की लाश को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया, लेकिन शाम 6 बजे तक पीएम नहीं होने पर परिजनों के सब्र का बांध टूटते ही उन्होंने केजीएच के मुख्य द्वार पर बैठकर धरना शुरू कर दिया। प्रशासन के खिलाफ नारे लगते ही हरकत में आए जूटमिल थाना प्रभारी रामकिंकर यादव तथा चक्रधरनगर टीआई प्रशांत राव अहेर को मोर्चा सम्हालने जाना पड़ा। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि बुजुर्ग का जल्द पीएम हो और उसके आश्रित परिवार को 15 लाख का मुआवजा दिया जाए। जिला अस्पताल में हंगामा होने पर एसडीएम के विशेष अनुमति से भरत लाल का देर शाम 7 पोस्टमार्टम और शासन द्वारा तात्कालिक मदद के तौर पर 25 हजार की राशि दी गई, तब कहीं जाकर घंटे भर चला बवाल शांत हुआ।