पेंडेंसी निकाल करने दिए जा रहे निर्देश, ला आर्डर ड्यूटी से नहीं मिल रहा समय
रायगढ़। दिसंबर माह साल का अंतिम माह होता है। इस माह में थाना पुलिस के ऊपर बकाया अपराधों के निकल के लिए अधिकारी द्वारा निर्देश दिया जाता है और सभी थाना प्रभारी थाना के पेंडिंग मामलों को अधिक से अधिक निकाल कर अधिकारियों के सामने अपनी सक्रियता प्रदर्शित करना चाहते हैं। जिसके लिए सभी थाना प्रभारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को साथ लेकर दोगुनी ऊर्जा से पेंडेंसी निकाल करने में व्यस्त नजर आ रहे हैैं।
इन दोनों सभी थाना के विवेचकों के बक्से को देखा जाए तब सभी का बक्सा पेंडिंग निकालना वाले दस्तावेजों से खाली नहीं मिलेगा। वर्ष का अंतिम माह पुलिस विवेचकों के लिए बड़ा ही चुनौती पूर्ण होता है। साल भर सभी प्रकार की ड्यूटी करते हुए जहां एक ओर अपराधों का निकाल किया जाता है, वहीं सभी लाइन ऑर्डर ड्यूटी में पुलिस जवान अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। इन दोनों जिले भर के थाना प्रभारी अपने-अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ पेंडेंसी निकाल करने में युद्ध स्तर से डटे हुए हैं। सभी का कहना है कि थाना में बकाया पेंडेंसी का परसेंटेज न्यूनतम हो जाए। इसके लिए वह अपने सहयोगी कर्मचारी के साथ सामान्य ड्यूटी के साथ-साथ देर रात तक विचार विमर्श कर मामलों का पेंडेंसी निकाल करने में व्यस्त नजर आ रहे हैं। यहां यह बताना आवश्यक होगा कि बीते डेढ़ माह से जहां आचार संहिता लगने के बाद सकुशल चुनाव संपन्न करने के पुलिस जवानों को छुट्टी नहीं मिल सकी, वहीं अब आचार संहिता हटने के बाद वर्ष का अंतिम महीना होने के कारण अधिक से अधिक मामलों का निराकरण करने की जवाबदारी है। हालांकि पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी से किसी प्रकार की परेशानी नहीं समझते हैं। हालांकि पेंडेंसी निकाल करवाने में सभी थाना प्रभारी के साथ-साथ उनके एसडीओपी और सीएसपी अभिनव उपाध्याय भी मामले का निकाल करने में पूरा सहयोग करते हुए आवश्यक जानकारी और सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जिस कारण ऐसा लग रहा है कि जिले के सभी थानों का पेंडेंसी परसेंटेज न्यूनतम ही रहेगा।