Home Chhattisgarh रामचंद्र का जन्मदिवस हम सभी शुभचिंतकों के लिए एक उत्सव, हरेराम तिवारी

रामचंद्र का जन्मदिवस हम सभी शुभचिंतकों के लिए एक उत्सव, हरेराम तिवारी

by Niraj Tiwari

वो खुलूस व प्यार के मोती लुटा के चलते हैं
सभी को अपने गले लगा के चलते हैं
पर करे भी कोई कैसे उनके कद का अंदाजा,
वो आसमां हैं लेकिन सर झुका के चलते हैं।।

कहते हैं पारस ऐसा पत्थर होता है जिसके सम्पर्क में आकर लोहा भी सोना बन जाता है।ऐसे ही कुछ लोगों का व्यक्तित्व भी पारस की मानिंद होता है जिनके सम्पर्क में आकर लोगों की सख्सियत और विचार दोनों स्वर्णिम आभा से युक्त हो जाते हैं। शहर की एक ऐसी ही सख्सियत का आज जन्मदिन है जो नई नस्लों में रघुकुल के संस्कार पिरोने के साथ साथ समाज सुधार और सेवा के माध्यम से मानवता के पारस बने हुए हैं और संयोग ऐसा कि नाम भी रामचंद्र है

वैसे तो जन्मदिन का अवसर आमतौर पर अतीत को याद करने,वर्तमान में जीने और भविष्य के सपने देखने का दिन होता है किंतु रामचंद्र शर्मा ने अपने जीवन मूल्यों को इस तरह से स्थापित किया है कि उनका अतीत और वर्तमान दोनों प्रेरणादायक है। हालांकि भविष्य की तैयारियों को लेकर उनके विजन और एक्शन का पता किसी को भी नहीं होता किंतु उनके फ्यूचर प्लान में भी कहीं ना कहीं लोकहित छिपा होता है।शिक्षा, खेल,मीडिया,सामाजिक मंच,जन सरोकार आदि तमाम विधाओं में शहर को नई पहचान दिलाने वाले बहुआयामी व्यक्तित्व रामचंद्र शर्मा ने रायगढ़ से निकलकर प्रदेश और फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उम्दा सोच व कार्यों को न सिर्फ़ ख्याति दिलाई बल्कि नगर और जिले का मान भी बढ़ाया है।उनके जन सरोकारों का सबसे सशक्त और क्रांतिकारी माध्यम दैनिक समाचार पत्र क्रांतिकारी संकेत शहर की जुबान बना हुआ है। हाल ही में मीना बाजार मे प्रवेश निशुल्क करने को लेकर रामचंद्र शर्मा की बेबाक बयानबाजी ने पूरे शहर का ना केवल ध्यान खींचा बल्कि सोशल मीडिया पर भरपूर समर्थन भी हासिल किया।एक पत्रकार के तौर पर वे लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आज़ादी के विकट योद्धा हैं।उनके लेखों में दुर्लभ जानकारी,इतिहास के सूत्र और समाज का वैज्ञानिक विश्लेषण मिलता है।रामचंद्र जितने युवाओं और प्रबुद्ध वर्ग में लोकप्रिय हैं उतने ही बच्चों के हमजोली हैं।इसकी मिसाल उनके द्वारा रचित और पोषित संस्कार बालवाटिका है जहां बच्चों की नजरें हर वक्त शर्मा सर को खोजती मालूम होती हैं,वहीं नजर मिलते ही बच्चों के चेहरे खिल उठते हैं।रामचंद्र के व्यक्तित्व की एक बड़ी खूबी यह भी है कि उनसे विचारात्मक मतभेद के बावजूद हर वर्ग में उनकी लोकप्रियता और सम्मान एक सम है।”चंदन की लकड़ी मे खुशबू तब तक नहीं आती ज़ब तक की उसे घिसा नहीं जाता। भांग की पत्तियों मे नशा तब तक नहीं होता ज़ब तक उसे पिसा नहीं जाता” उसी तरह से जिंदगी संघर्षो और परेशानियों के सिलवट पर घिसती एवं पिसती है तब जीवन मे प्रसिद्धि की खुशबू चहुओर बिखरती है।ऐसे कई उदाहरणों को आपने अपनी खुद की प्रतिभा से सिद्ध किया है।आम की डाली मे फल लगने के बाद जिस तरह से वो झुक जाती है उसी तरह से बहुजन हिताय, बहुजन बहुजन सुखाय हेतु आपका हर ब्यक्ति के लिए उपलब्धता हम सबका सामाजिक मार्गदर्शन करती है।अभी हाल ही मे संस्कार के बैनर तले गुरुपूर्णिमा के अवसर पर जिले भर से गुरुजनों और विभिन्न प्रतिभाओं का सम्मान पूरे छत्तीसगढ़ मे एक सार्थक चर्चा का विषय बना हुआ है।आपके मुखमंडल की अलौकिक आभा का खिंचाव आपके अगल बगल रहने वाला हर कोई महसूस करता है।आपका व्यक्तित्व,आपकी सरस वाणी , आपका निःस्वार्थ व्यवहार हर किसी को अपनत्व के भाव से भर देता है। आप मे सामाजिक नायक की हर वो खूबी है जिसे आज के दौर मे समाज को जरूरत है।सामाजिक उत्थान हेतु आपके हर प्रयासों को दिल खोलकर सराहा जाता रहा है।
आज भाई रामचंद्र का जन्मदिवस हम सभी शुभचिंतकों के लिए एक उत्सव का अवसर है। मैं भाई रामचंद्र शर्मा को एक आनंदमय और स्वस्थ जीवन, एक उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं।आपकी मुस्कराहट आपके व्यक्तित्व की परिचायक बनी रहे,आपके होठो की परिधि हमेशा यूं ही बढ़ती रहे ।
आपको जन्मदिन की ढेरों मंगलकामनाएं।

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