राज्यभर में यादव समाज का ज्ञापन अभियान,कलेक्टरों के माध्यम से मुख्यमंत्री व राज्यपाल तक पहुंचाई गई मांग।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में झेरिया यादव समाज ने रावत उपनामधारी वर्ग को केंद्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची में शामिल करने की मांग को लेकर व्यापक ज्ञापन अभियान चलाया है। समाज के प्रतिनिधियों ने लगभग सभी जिलों में जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टरों को मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

दुर्ग जिले में आज आयोजित ज्ञापन कार्यक्रम के दौरान समाज के प्रदेश अध्यक्ष जगनिक यादव ने कहा “रावत उपनामधारी समाज जन लंबे समय से अपने हक के लिए संघर्षरत हैं। राज्य सरकार ने इस वर्ग को ओबीसी की मान्यता दी है, किंतु केंद्र सरकार की सूची में नाम शामिल न होने से समाज केंद्रीय योजनाओं और आरक्षण का लाभ लेने से वंचित है। हमारी यह मांग पूरी तरह न्यायसंगत है और राज्य सरकार को चाहिए कि वह समाज की आवाज बनकर केंद्र में इसका प्रतिनिधित्व करे।

प्रदेश उपाध्यक्ष भगतराम यादव ने कहा कि राज्य के विभिन्न प्रकोष्ठों में यादव समाज की सक्रियता है, लेकिन रावत उपनामधारी वर्ग को केंद्र सूची में स्थान न मिलने से यह वर्ग सामाजिक-शैक्षणिक अवसरों से वंचित हो रहा है।

राजनीति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजू यादव ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के सामने भी यह मांग रखी गई थी, लेकिन गंभीर पहल नहीं हुई। अब समय आ गया है कि राज्य सरकार स्पष्ट रूप से केंद्र से इस पर निर्णायक पहल करे।

प्रदेश महामंत्री एवं प्रवक्ता सुनील कुमार यादव ने चेतावनी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में रावत उपनामधारी वर्गके नाम से बनाए गए जाति प्रमाणपत्र यादव बड़ी संख्या में है। केंद्रीय सूची से बाहर होने के कारण हमे जाति प्रमाणपत्र होते हुए भी केंद्र प्रायोजित योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। यदि सरकार ने शीघ्र पहल नहीं की तो समाज राज्य से लेकर केंद्र तक सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को बाध्य होगा।झेरिया यादव समाज ने अभी तक शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांग सरकार तक पहुंचाई है। लेकिन समाज के नेताओं ने संकेत दिया है कि यदि केंद्र सूची में रावत उपनामधारी वर्ग को शीघ्र शामिल नहीं किया गया तो यह आंदोलन उग्र स्वरूप ले सकता है।
