कलेक्ट्रेट सृजन कक्ष में मात्र 18 भाजपाई ही हुए उपस्थित, आवश्यकता 32 पार्षदों की
रायगढ। कांग्रेस शहर सरकार के कार्य से असंतुष्ट भाजपाई बीते कुछ माह से लगातार महापौर को हटाने और भाजपाई महापौर को बैठने की बात कह रहे थे जिसके लिए उन्होंने विधिवत कलेक्टर से सूचना और अनुमति लेकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। जहां शुक्रवार को पूर्ण बहुमत के लिए आवश्यक 32 पार्षदों में से भाजपा के मात्र 18 पार्षद ही कलेक्टोरेट सृजन कक्ष पहुंचे। भाजपा जहां कांग्रेस में फुट की बात कहकर कांग्रेसी पार्षदों को महापौर के खिलाफ वोटिंग करवाने का दावा कर रही थी वही समय पड़ने पर भाजपा के ही तीन पार्षद भाजपा के समर्थन में नहीं पहुंचे।
इसके बाद कांग्रेस जिला अध्यक्ष अनिल शुक्ला समेत अन्य कांग्रेसियों ने अविश्वास प्रस्ताव ध्वस्त होने की खुशी में नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय के सामने आतिशबाजी की और इसके साथ ही मिठाई बताकर खुशी का इजहार किया ऐसा ही माहौल कांग्रेस कार्यालय में भी देखने को मिला। अविश्वास प्रस्ताव निरस्त ध्वस्त होने से निराश हुए भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि यदि महापौर और कांग्रेस के पार्षदों में सच्चाई थी तब वोटिंग क्यों नहीं कराई गई। भाजपा पार्षदों का कहना है कि कांग्रेस के सभापति सभी कांग्रेसी पार्षदों को लेकर कहीं छुप गए हैं। उन्हें डर था कि यदि कांग्रेस पार्षद शहर में रहे तो पार्टी के फुट का प्रमाण सिद्ध हो जाएगा। कांग्रेस जिला अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने बताया कि भाजपा कांग्रेस में फुट की बात कर रही है लेकिन सच्चाई यह है कि भाजपा तीन-चार गुट में बंटकर कम कर रही है। जिससे स्थानीय पार्षद ही पार्टी छोड़कर कांग्रेस में प्रवेश कर रहे हैं।