चारो ओर अवैध कब्जा, महिला समिति एकत्रित होकर कर रही मनमानी, प्रशासन हो रहा बौना साबित
रायगढ़। जिला मुख्यालय से पीछे शासकीय कर्मचारियों के लिए करीब 15-20 साल पहले शासन ने 20 एकड़ जमीन जमीन मुहैया करवाया था। जहां शासकीय कर्मचारियों के साथ जमीन दलालों ने अवैध कब्जा कर जमीन की बिक्री शुरू कर दी। इसका फायदा कुछ पंजीरी प्लांट मुहल्ले निवासियों ने भी मंदिर बनाकर और नाले के उपर कब्जा करके बखूबी उठाया। अब केलो बिहार कालोनी की स्थिति यह हो गई है कि शासकीय कर्मचारी अपने घर के आसपास अवैध कब्जा कर रहे हैं तो जमीन दलालों से अवैध ली गई जमीन पर अतिक्रमण जोरों पर है। शासकीय मनाही आदेश के बाद भी कुछ महिलाएं समिति के आड़ में अवैध कब्जा और मकान निर्माण में लगी हुई है।
केलो बिहार की जमीन पर अवैध निर्माण का एक ताजा मामला सामने आया है जहां पूर्व पार्षद संजना शर्मा ने त्रिमूर्ति मंदिर के पीछे बाउंड्री वॉल बना कर कमरा बनाया और उसे अपने पार्षद कार्यकाल में उमाशंकर डनसेना को स्टाम्प पेपर में लिखा पढ़ी कर बेंच दिया। जब उमाशंकर अपनी खरीदी जमीन पर निर्माण कार्य कराने गया तब किरण यादव और अन्य महिलाओं ने उक्त जमीन का विवाद उठाकर उसे काम करने से रोंका और टीम बनाकर कलेक्टर के समक्ष उपस्थित हो गई। दबाव वश कलेक्टर ने भी उक्त निर्माण रोकने के लिए स्टे ऑर्डर लागू कर दिया। स्टे लगने के बाद महिला समूह का मनोबल इतना बढ़ गया कि उनके द्वारा सड़क किनारे की जमीन पर मकान खड़ा कर दिया गया। मकान निर्माण के दौरान स्थानीय युवाओं द्वारा कलेक्टर, निगम आयुक्त, एसडीएम, तहसीलदार, नजूल अधिकारी सभी को लिखित शिकायत की गई। नजूल विभाग के आरआई और सभी विभागों के जांच अधिकारियों द्वारा उक्त महिला को मकान बनाने पर रोक लगाने की समझाइश दी गई लेकिन उक्त महिला द्वारा मकान निर्माण कर लिया गया।
प्रशासन का आदेश पुरुष तक जल एलसिमित, महिलाओं के लिए कोई जमीनआदेश नहीं
जिस तरह उमाशंकर डनसेना द्वारा जमीन खरीदी के कागजात, नगर निगम का एनओसी, बिजली बिल , शासन के आदेशानुसार 152 प्रतिशत में जमीन खरीदी के आवेदन सभी दस्तावेज प्रस्तुत किया गया उसके बाद भी उसे काम करने के लिए प्रशासन से स्थगन आदेश दिया गया। वहीं किरण यादव, सेवती यादव के पास कोई भी दस्तावेज नहीं होने और केवल 4-6 महिलाओं के सामने आने से प्रशासन की मौन स्वीकृति मिलने का मामला सामने आया है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन महिलाओं के सामने प्रशासन भी बौना साबित हो गया है। कमाल की बात यह है कि इस मामले में कोई भी पुरुष उक्त झगड़ालु महिलाओं के साथ नहीं सामने आ रहा हैं क्योंकि पुरुष के आते ही कागजी दस्तावेज के आधार पर दूध का दूध और पानी का पानी स्पष्ट हो जाएगा।
4 विभाग में शिकायत के बाद भी बन गया मकान, नहीं हुई तोड़ने की कवायद
शासन प्रशासन सभी के अधिकारी कर्मचारी मौके का मुआयना करके उक्त महिला को मकान बनाने के लिए मना किए लेकिन उनकी बात को दरकिनार कर अब मकान बनकर तैयार हो गया। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि शासन प्रशासन केवल उसी पर दबाव बनाता है जो उनका सम्मान करता है। कुछ दिन पूर्व मरीन ड्राइव में बने एक मकान को मकान में ताला लगा होने के बावजूद जेसीबी से तोड़ दिया गया। मकान मालिक रामजाने अपनी गर्भवती पत्नी के साथ नदी किनारे सोने को मजबूर है। उस रोजी मजदूरी करने वाले के मकान में रखा सामान भी टूट फूट गया। नगर निगम आयुक्त और कलेक्टर ने उसकी सुध लेना भी जरूरी नहीं समझा। केलो बिहार ग्रीन बेल्ट एरिया में 2-4 परिवार वालों ने दर्जनों पेड़ काटकर अवैध अतिक्रमण किया उनके खिलाफ भी नगर निगम सरकार और अधिकारी चुप्पी साधे बैठे रहे। शासकीय कर्मचारी महिला ने लेन-देन करके उपभोक्ता फोरम जज बंगला पीछे मकान निर्माण कराया उस समय भी प्रशासन आंख मुंदे बैठा रहा। उमाशंकर डनसेना के मकान निर्माण की सही तरीके से जांच कर उसके उपर लगाए गए स्टे को हटाकर उसे निर्माण कार्य कराने की अनुमति दी जानी चाहिए अन्यथा सभी लोगों के मकान का सीमांकन कराकर वैधानिक कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
जांच कर बताएं क्या सही क्या गलत
यदि केलो बिहार कालोनी की जमीन में अवैध कब्जा की बात की जाए तब पूर्व में निवासरत जीवन लाल बंजारे ने जितनी जमीन कब्जा करके बिक्री किया उसकी जांच की जानी चाहिए। जिससे पता चल जाएगा कि कितने पात्र और कितने अपात्र लोग केलो बिहार कालोनी के लिए स्वीकृत जमीन पर कब्जा जमाए बसे हुए हैं। एसईसीएल मार्ग में भी अवैध कब्जा सड़क के दोनों ओर किया गया उसका पट्टा रजिस्ट्री कब और कैसे किया गया इसकी भी जांच किए जाने की आवश्यकता है।