रायगढ की मांग,उन्हे चाहिए भवनों के बजाय व्यक्ति का विकास करने वाला चेंजमेकर
रायगढ़ —रोजाना बदलती रायगढ़ की सियासी तस्वीर और राजनीति के अपराधीकरण से त्रस्त आम जनता इस बार गैर राजनैतिक चेहरे को अपना रहनुमा चुनने के संकेत दे रही है।राजनीति मे लोकतंत्र के नाम पर जगह बनाती वंशतंत्र की पैठ बदलने जनता भी एक चेंजमेकर का विकल्प तलाश रही है।रायगढ़वासियों का कहना है कि उन्हे बदलाव का ऐसा महानायक चाहिए जो भवनों का विकास न कर व्यक्ति का विकास कराने वाला हो।ऐसे सियासी परिदृश्य मे धीर गम्भीर खुशमिजाज सफल युवा उद्यमी,प्रखर समाजसेवी सुनील लेन्ध्रा का नाम सबसे मजबूत चेंजमेकर के तौर पर सामने आ रहा है।
ग़ौरतलब है कि कभी कभी एक व्यक्ति भी राजनीति का चेहरा बदल सकता है बशर्ते उसके व्यक्तित्व मे जनसेवा का जज्बा होने के साथ साथ राष्ट्र की राजनीति को विकसित करने के लिए पर्याप्त शक्ति और क्षमता हो।इस बार रायगढ़ विधानसभा का सियासी परिदृश्य भी कुछ इसी तरह के संकेत दे रहा है।
शहर मे इस बार बदलाव की बयार के साथ क्षेत्र और छात्र यानि शहर और युवा दोनो के हित को एक कारगर मुकाम देने की मांग जोर पकड़ रही है। शहर मे समाजसेवा के माध्यम से हर वर्ग मे अपनी लोकप्रियता की छाप छोड़ने वाले युवा समाजसेवी सुनील लेन्ध्रा रायगढ़ के मतदाताओं की आकांक्षा का केन्द्र बने हुए हैं।
चुनावी साल मे जहां एक तरफ सभी राजनैतिक दलों मे जनता का हमदर्द और हितैषी बनने की होड़ है वहीं मौजूदा राजनीतिक हलचलें इस ओर भी इशारा कर रही हैं कि सियासत मे अब युवा शक्ति का दखल बढ़ने वाला है।वहीं पारंपरिक दलों के प्रदर्शन से मतदाताओं मे घर करती निराशा समाजसेवी और युवा चेहरों को राजनीति मे शामिल होने की ओर प्रोत्साहित कर रही हैं।ऐसे मे नये किंतु प्रभावशाली चेहरों पर सियासी दलों की नजरें भी गड़ी हुई हैं।रायगढ़ की राजनीति मे आगामी विधानसभा चुनाव के पहले दावेदारी की दौड़ नजर आने लगी है किंतु कुछ ऐसे भी चेहरे हैं जो पर्दे के पीछे इन हलचलों पर अपनी निगाह रखे हुए सही समय की तलाश मे हैं। ऐसा ही एक चेहरा प्रदेश के नामचीन कारोबारी और स्थापित समाजसेवी सुनील लेन्ध्रा का है।शहर से लेकर राजधानी तक तेजी से चल रही चुनावी चर्चा मे सुनील लेन्ध्रा की दख़ल और शोर से मीडिया भी सुनील का ओपिनियन लेने उनसे सम्पर्क की।इस दौरान जहां सुनील के करीबी और शुभचिंतकों ने मीडिया से बातचीत मे भी बताया है कि रायगढ़ की जनता यदि सुनील को विधानसभा चुनाव मे बतौर दावेदार देखना चाहती है तो लेन्ध्रा एक कड़ी चुनौती बन सकते हैं।इस संदर्भ मे बहुत कुछ न कहते हुए इशारे इशारे मे सुनील की बहुत ही संकुचित मनोभावनाओं से यह बात सामने निकलकर आयी कि अब तक किंगमेकर की भूमिका मे रहे युवा बिजनेस मेग्नेट सुनील लेन्ध्रा सक्रिय राजनीति से दूर जरुर रहे लेकिन उनकी सामाजिक छवि का लाभ जिले की राजनीति को भरपूर मिलता रहा है।बगैर किसी दल मे शामिल हुए समाजसेवा के हर क्षेत्र मे कारोबार से अलग पहचाने जाने वाले सुनील लेन्ध्रा की जिले भर मे युवाओं से लेकर हर वर्ग का विश्वास हासिल है।वहीं सुनील लेंध्रा की सामाजिक छवि भी कई बार प्रतीकात्मक संदेश दे चुकी है कि अब उन्हे सियासत का हिस्सा हो जाना चाहिए।