रायगढ़। छत्तीसगढ़ में एक न्यायाधीश को दोबारा बर्खास्त करने की कार्यवाही न्यायविदों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। जशपुर में फास्टट्रैक कोर्ट में पदस्थ ADJ गणेश राम बर्मन को हाई कोर्ट से राहत मिली थी मगर हाईकोर्ट की ही अनुशंसा पर विधि एवं विधायी विभाग ने उन्हें फिर से बर्खास्त कर दिया है।
ये है पूरा मामला
विधि एवं विधायी विभाग द्वारा गणेश राम बर्मन को रायपुर में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया गया था। प्रोवेशन पीरियड के दौरान उनके और दो अन्य न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ एक गुमनाम शिकायत की गई थी। गणेश राम बर्मन को शिकायत पर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। बताया जाता है कि यह मामला किसी आरोपी की जमानत से जुड़ा हुआ था। संबंधित आरोपी की जमानत अर्जी दो बार निरस्त करने के बाद उसे तीसरी बार जमानत दे दी गई थी। इसी मामले की शिकायत के बाद जांच हुई, जिसमें न्यायाधीश गणेश राम बर्मन ने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत भी किया, लेकिन उनकी सेवा समाप्त कर दी गई।
न्यायाधीश ने ली न्यायालय की शरण
अपनी बर्खास्ती के खिलाफ एडीजे ने याचिका दायर कर कहा था कि बर्खास्तगी की दंडात्मक प्रकृति को देखते हुए कम्प्लीट डिपार्टमेन्टल जांच का पालन करना चाहिए था, साथ ही राज्य शासन की स्थायी समिति को याचिकाकर्ता की सेवाओं को समाप्त करने की सिफारिश करने का अधिकार नहीं है। सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने बर्खास्त अतिरिक्त जिला न्यायाधीश को राहत दिया और एडीजे का बर्खास्तगी आदेश निरस्त कर दिया। कोर्ट के मुताबिक बर्खास्तगी अधिकार क्षेत्र से बाहर व बिना प्रक्रिया की गई थी। हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के आदेश को यथावत रखते हुए कहा कि “हाईकोर्ट चाहे तो मामले के परीक्षण के बाद प्रोवेशन पर उचित निर्णय ले सकता है.”
अब दोबारा किया गया बर्खास्त
छत्तीसगढ़ शासन के विधि और विधायी कार्य विभाग के प्रमुख सचिव रामकुमार तिवारी के हस्तक्षर से जारी आदेश में उल्लेख है कि “राज्य शासन, एतद्द्वारा, माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के ज्ञापन क्रमांक 93/ दो-2-4/2002 (पार्ट-3) / गोपनीय / 2023 बिलासपुर, दिनांक 03.03.2023 में की गई अनुशंसा को स्वीकार करते हुए। छत्तीसगढ़ उच्चतर न्यायिक सेवा (भर्ती एवं सेवा शर्ते) नियम, 2006 के नियम 9 (4) के अंतर्गत श्री गणेश राम वर्मन, सदस्य उच्चतर न्यायिक सेवा वर्तमान पदस्थापना अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एफ.टी.सी.) जशपुर की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त करता है।”
बता दें कि जुलाई 2022 को बर्खास्त होने के बाद हाईकोर्ट के फैसले के तहत गणेश राम बर्मन को दिसंबर 2022 को बहाल करते हुए जशपुर में फास्टट्रैक कोर्ट (पॉक्सो) में बतौर ADJ पदस्थ किया गया। इसके बाद 14 मार्च 2023 को उन्हें फिर से बर्खास्त कर दिया गया। बताया जाता है कि इस बार उन्हें सुनवाई का मौका भी नहीं दिया गया। फ़िलहाल न्यायाधीश की दोबारा बर्खास्तगी एक बार फिर चर्चा में है। प्रदेश में ऐसे ही कुछ और मामले हैं, जिनमें सेवा से हटा दिए गए न्यायाधीश कानून के सहारे दोबारा बहाली के लिए प्रयासरत हैं।